तोर दया होतिस त दाई
जिभिया म कलसा सजातेंव
तोर दया होतिस त दाई
जिभिया म कलसा सजातेंव
दुई नैना के बाती म
आँसू म ज्योत जलातेंव
किरपा करत किरपालु माता छाती म बोतेंव जंवारा
गंगा जल पानी के बदला चरण म अंसूवन धारा
तोर देवव तन ला मा
नवदिन मैं भेंट चघातेंव
संझा बिहनिया रोम रोम हा तोरेच गुण ला गातिस
हाय रे अभागा कंचन काया नाव तोरे गोहरातिस
आशा अउ विश्वासा के
मैं हा अलख जगातेंव
तोर माया के सगरी म दाई सरवन मैं नहातेंव
माटी के हत्थी माटी के घोड़ा तोर भुवन म रेंगातेंव
आंगा सांगा पंच माड़िया
बाना म देवता नचातेंव
अतकी हावै बिनती माता अतकी हावै अरजी माँ
ये काया तोर लागा छुटतिस बाकी तोर मरजी माँ
कांतिकार्तिक कहिथे न
परमानंद कठोलिया ला
तोर धरम ध्वजा फहिरातेंव
✍ लेखक: परमानंद कठोलिया
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KOK Creation
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