तोर चरण पखारी लेतेव दाई छतिया के थारी मा
नैन नीर गंगा जल हे 2 पंचरतन अटारी मा
तोर चरण पखारी लेतेव दाई छतिया के थारी मा
का करनी का करम गति हे मनखे तन ला पाये हव
माया नगरी के माया ला देखत मै हा भूलाये हव
दया दान अउ धरम करम ला स्वारथ मा अपनाये हव
धन हे तन के मंद मति हर मया मा लपटाये हव
मन के आसा तन ले भागे 2 पाख अंधियारी मा
तोर चरण पखारी लेतेव माता छतिया के थारी मा 2
आगेव गौना पाख परब हा मन भक्ती मा जागे जी
जागे ते भागे सउहे पागे पावत सुध बिसरागे जी
लाई लिगरी चारी चुगली मा सइघो दिन हा पहागे जी
मान पान के आसा के पासा फेकत गा बउरागे जी
सुआरथ के काजर आंजे 2 तिलक कपाली मा
तोर चरण पखारी लेतेव दाई छतिया के थारी मा 2
पंच रतन के छतिया थारी नयन के बाती बराये हे
तोर रंगनी के रंग मा रंग के मुसुर मुसुर मुस्काये हे
आदि शक्ति महामायी के रूप सउहे जनाये हे
हे परकिरती जगत के माता मन हर आस लगाये हे
दया मया अउ पियर चांउर 2 आरती के थारी मा
तोर चरण पखारी लेतेव दाई छतिया के थारी मा 2
रीति नीति अउ पिरिती देखनी देखन देखाथे गा
कान्तिकार्तिक माता मंदिर मा अरजी अपन लगाथे गा
माया महतारी हावे पियारी सब बर मया लुटाथे गा
अंधरा खोरवा लुलवा मन ला दरस के सुख वो देखाथे गा
मौनी लाला तीरथ परे हे 2 दाई तोर दुआरी मा
तोर चरण पखारी लेतेव दाई छतिया के थारी मा 2
नैन नीर गंगा जल हे 2 पंचरतन अटारी मा
तोर चरण पखारी लेतेव दाई छतिया के थारी मा
✍ लेखक: मौनी लाला
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KOK Creation
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