शबरी के जईसे हावै दाई तोर मया वो
चुन चुन मया बगराए हो माँ
चुन चुन मया बगराए हो माँ
खोरवा ला गोड़ दिए अंधरा ला आंखी वो
मुरहा लईका के दाई तैं बने साथी वो
शबरी के जईसे हावै दाई तोर मया वो
चुन चुन मया बगराए हो माँ
निर्धन ल तैं धन दिए कोढ़िन ला काया वो
अजब के हावै कईथे दाई तोर मया वो
शबरी के जईसे हावै दाई तोर मया वो
चुन चुन मया बगराए हो माँ
जन जन के दुख ला हरे सुख ला बरसाए वो
नव दिन नवरात म दाई तैं हा आए वो
शबरी के जईसे हावै दाई तोर मया वो
चुन चुन मया बगराए हो माँ
✍ लेखक: रुपेश यादव
🎤 प्रस्तुतकर्ता: Mahanadi Studio
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