स्थायी
कईसे छुटाहूं दाई वो
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
मैया वो...वो....वो... मैया वो
कईसे छुटाहूं दाई वो
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
मया के बंधना मा बांधे तैं मोला
मया के बंधना मा बांधे तैं मोला
चरण मा राखे ये अभागा ला
चरण मा राखे ये अभागा ला
कईसे छुटाहूं दाई वो
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
अंतरा 1
दूध पिये हौ दाई तोरेच थन के
सुरता आथे वो मोला मोर बचपन के
खेल खेलाये मोला अटकन मटकन के
छोटे ले बड़े करे मोला जतन के
छोटे ले बड़े करे मोला जतन के
भक्ति के बांधे दाई वो
मुड़ी ऊपर मोर पागा ला
मुड़ी ऊपर मोर पागा ला
अंतरा 2
तोरे सेवा मा दाई दिन बीत जाथे वो
तोरे भक्ति मा दाई रात पहाथे वो
कब महिना साल बुलकथे नवराति आथे वो
जनम जनम के माता पाप धोवाथे वो
जनम जनम के माता पाप धोवाथे वो
शक्ति के बांधे दाई वो
माला बनाके तैं हा धागा ला
माला बनाके तैं हा धागा ला
अंतरा 3
सरग ले बढ़ के दाई तोरे शरण हे
तीन लोक तोरे कोरा मा चौदह भुवन हे
का दानव मानव ला कहिबे सबो देवगण हे
अचरा के छंईहा मा तोर सबो जीव जन हे
अचरा के छंईहा मा तोर सबो जीव जन हे
जिनगी संवारे दाई वो
सोन मा डारे तैं सुहागा ला
सोन मा डारे तैं सुहागा ला
कईसे छुटाहूं दाई वो
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
मया के बंधना मा बांधे तैं मोला
मया के बंधना मा बांधे तैं मोला
चरण मा राखे ये अभागा ला
चरण मा राखे ये अभागा ला
कईसे छुटाहूं दाई वो
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
कईसे छुटाहूं दाई वो
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
दु बून्द लहू के तोर लागा ला
✍ लेखक: दुकालू यादव
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
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