हल्लू हल्लू रेंगव हो दुलहा बाबू
तुंहर रनिया के अंग झन डोलै हो
कुंवर कुंवर पग धरौ हो दुलही नोनी
तुंहर रजवा के अंग झन डोलै हो
पहली भांवर जनकपूरी म, परत हे
राम सिया के, परत हे वो
दूजे भांवर हिमालय म, परत हे
उमा भोले के, परत हे वो
तीजे चौथे वो नोनी खेले कूदे, अंगना अउ
पढ़े लिखे अंगना
पंचमी सिखायेंव रांधे गढ़े बर
बेटी छठ आगे तोरे सजना
सात भांवर पर गे अब चल देबे बेटी
सात जनम बर तैं पिया के गांव हो
हल्लू हल्लू रेंगव हो दुलहा बाबू
तुंहर रनिया के अंग झन डोलै हो
हल्लू हल्लू रेंगव वो कुंवर बाबू
कुंवर कुंवर पग धरौ हो दुलही नोनी
तुंहर रजवा के अंग झन डोलै हो
✍ लेखक: -
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
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