धीरे धीरे चल वो भवानी
देखें गंगा महारानी
सगरी नहाये बर हो
सगरी नहाये बर हो
यहो पापी महीसा सुर ला मार के
पाप ला धोवाये बर हो
धीरे धीरे चल वो भवानी
देखें गंगा महारानी
सगरी नहाये बर हो
सगरी नहाये बर हो
सगरो जगत के तारन कारन लिये दाई अवतारे वो
कतको पापी तोर सरन में तर गे होगे ओकर उधारे वो
यहो महीमा गजब तोर लेख ना जाये हार थके वेद चारे वो
बनके आये तैं नव दिन पहूना लागे स्वर्ग सांसारे हो
यहो भुईयां के सब भार उतारे
जग ला सिर जाये बर हो
धीरे धीरे चल वो भवानी
देखें गंगा महारानी
सगरी नहाये बर हो
सगरी नहाये बर हो
लक्ष्मी रूप में धन बगराये संसार ला चलाये वो
सरस्वती रुप मां सुर बगराये राग छतीसो गाये वो
यहो सती रूप में शिव ला नई पाये गौरी रूप धरे आवे वो
सिता सावित्री तही द्रोपती महाभारत जितवाये वो
यहो शीतला रुप मां तैं हां विराजे
शीतल कराये बर हों
धीरे धीरे चल वो भवानी
देखें गंगा महारानी
सगरी नहाये बर हो
सगरी नहाये बर हो
चले चलागंन पूरखा पुरातान विदा देवन महतारी वो
आगे बेरा संग बहनी मिले के हासत कुलकत भारी हों
यहो तोर अगवानी मां दुर्गा बईगा सेउक नर नारी वो
जोत जवारा के त्रिशूल बाना सोभा लागे बड़ भारी वो
यहो साहीर चरन पखारे भगती ला गड़ाये बर हो
धीरे धीरे चल वो भवानी
देखें गंगा महारानी
सगरी नहाये बर हो
सगरी नहाये बर हो
✍ लेखक: जाहिर
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KK CASSETTE
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