बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास दाई बरन बरन के , चमके गहना गुरिया
चमके गहना गुरिया हो मईया चमके गहना गुरिया
माह असाढ़ ऋतु छुनुर छुनुर दाई, बाह भर बाजे चुरिया
बाह भर बाजे चुरिया हो मईया बाह भर बाजे चुरिया
सावन ऋतु दस अँगरी म दाई , दस रंग चमके मुदरिया
दस रंग चमके मुदरिया हो मईया दस रंग चमके मुदरिया
मास भादो के पहिरे माता देवपुर लाली चुनरिया
देवपुर लाली चुनरिया हो मईया देवपुर लाली चुनरिया
कुँवर म पहिरे दसमत हारे …रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
कातिक महीना पियर पियर दाई , कान के खिनवा बाली
कान के खिनवा बाली हो मईया कान के खिनवा बाली
अग्घन महीना तिन बुंदिया फुल्ली, मोहनी बरन मतवाली
मोहनी बरन मतवाली हो मईया मोहनी बरन मतवाली
पुस मास म पवन पुरवइया, बिगरे चुन्दी बिकराली
बिगरे चुन्दी बिकराली हो मईया बिगरे चुन्दी बिकराली
माघ महीना दाई मांग भरे तंय, अम्बे माता लाली
अम्बे माता लाली हो मईया अम्बे माता लाली
फागुन माह कमर करधनिया…रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
चइत महीना दाई खन खन खनके, पाँव भर तोर पैजनिया
पाँव भर तोर पैजनिया हो मईया पाँव भर तोर पैजनिया
बइसाख महीना दाई मोहनी बरन तंय महुर लागये पइयाँ
महुर लागये पइयाँ हो मईया महुर लागये पइयाँ
जेठ महीना म चुटकी बिछिया पहिरे भवानी मईया
पहिरे भवानी मईया हो मईया पहिरे भवानी मईया
देवपुर ले डरेव फूल बरसाए नाचे लंगुरे भईया
नाचे लंगुरे भईया हो मईया नाचे लंगुरे भईया
कान्तिकार्तिक तोर शरन मा परमानन्द कठोलिया चरन म
रुच मुच कसे हो सिंगार..
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
रुच मुच कसे हो सिंगार..
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
✍ लेखक: परमानंद कठोलिया
🎤 प्रस्तुतकर्ता: KOK Creation
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